एक बार की बात है,जंगल का राजा शेर जंगल में घूम रहा था ।काफी देर तक घुमाने के बाद उसे प्यास लगी।
पानी पीने के लिए वह पास के एक तालाब में गया जो थोड़ी ही दूर पर था।चारो तरफ हरियाली ही हरियाली
थी,और माहौल भी काफी खुशनुमा था।
शेर relax होकर पानी पी ही रहा था ,तभी दूसरे किनारे पर एक जंगली हाथी भी आकर पानी पीने लगा।
शेर को यह अच्छा नहीं लगा की उसके बराबरी में आकर कोई उसके साथ पानी पिये।Actually शेर ने इसमे खुद
का अपमान समझा।हाथी शेर के मंसूबो को समझ चुका था ,परंतु उसकी चिंता किये बिना ही वह पानी पीता रहा ।
इस तरह के व्यवहार से देखते ही देखते दोनों में भयंकर युध्द छिड़ गया।कई घंटो तक लगातार युद्ध चलता रहा।कभी शेर ,हाथी पर भरी पड़ता तो कभी हाथी, शेर पर।
धीरे धीरे जंगली जानवर और पंछी भी आकर उनके युद्ध को देखने लगे।
अब दोनो काफी घायल हो चुके थे,और जब आराम करने के लिए थोड़ी देर रुके तो उनकी नज़र आसमान में उड़ रहे गिद्धों की झुंडों और कुछ जंगली जानवर पर पड़ी, जो ललचाई नज़रो से उन्हें देख रहे थे,और शायद यही सोच रहे थे कि इस भीषण युध्द में किसी की मृत्यु हो या ना हो पर इतना घायल अवश्य होकर जमीन पर गिरेंगे की आसानी से इनका शिकार किया जा सके।
भाग्यवश शेर और हाथी दोनों को सद्बुद्धि आ
गयी ,और उन्होंने सोचा की इस लड़ाई में फायदा तो किसी तीसरे का ही होने वाला है।हम दोनों को सिर्फ हानि ही होगी।और उन्होंने आपस में मित्रता करने का फैसला कर लिया।
अन्त में अच्छे मित्रो की तरह दोनों ने साथ में पानी पिया और अपने अपने रास्ते चल दिये।
हमारे जीवन में भी इस तरह की घटनाये प्रायः घटित होती रहती है।हम छोटी छोटी बातों पर आपस में लड़ते झगड़ते रहते हैं और हमारी लड़ाई का फायदा कोई तीसरा व्यक्ति उठता है।
इसलिए हमें सही समय पर सही निर्णय लेना चाहिए ।
कहा भी गया है -
“Never
makes a decision when you’re angry and never make a promise when you’re happy”
"जब आप गुस्से में हो तो कोई निर्णय ना ले ,और जब आप खुश हो तो किसी से कोई वादा ना करे।"
कैसी लगी ये कहानी comment करके जरूर बताये ।
धन्यवाद।
Wow.... Great story
ReplyDeleteThanks
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